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13 दिन की हड़ताल के बाद जगा एबीवी प्रशासन, एनएसयूआई से कुलपति ने की चर्चा….

13 दिन की हड़ताल के बाद जगा एबीवी प्रशासन, एनएसयूआई से कुलपति ने की चर्चा
00 टेंडर, कार्य आदेश, वित्तीय व भर्ती प्रक्रिया की गड़बड़ियों के दस्तावेज सौंपे
00 राज्यपाल के नाम ज्ञापन सौंपकर जांच कर दोषियों पर कार्रवाई की मांग

बिलासपुर। अटल बिहारी वाजपेयी विश्वविद्यालय में व्याप्त भ्रष्टाचार, वित्तीय अनियमितता और प्रशासनिक गड़बड़ियों को लेकर एनएसयूआई के छात्रों ने 13 दिनों तक नियमित रूप से यूनिवर्सिटी के सामने प्रदर्शन किया। छात्रों के प्रदर्शन और जिला प्रशासन के हस्तक्षेप के बाद शुक्रवार को एनएसयूआई प्रतिनिधिमंडल से अटल बिहारी वाजपेयी विश्वविद्यालय के कुलपति अरुण दिवाकर नाथ वाजपेयी ने मुलाकात करने बुलाया। इस दौरान एनएसयूआई के प्रदेश सचिव रंजेश सिंह के नेतृत्व में प्रतिनिधियों ने कुलपति से लगभग आधे घंटे तक चर्चा की और सभी मामलों में दस्तावेज सहित राज्यपाल के नाम ज्ञापन सौंपा।
रंजेश सिंह ने कहा कि विश्वविद्यालय में लंबे समय से व्यापक स्तर पर अनियमितताएं चल रही हैं, जिनमें बिना टेंडर कार्य आदेश जारी करना, वित्तीय गड़बड़ियां और भर्ती प्रक्रिया में आरक्षण रोस्टर की अनदेखी शामिल है। उन्होंने बताया कि एक ग्रेड-3 के कर्मचारी को नियमों के विरुद्ध ग्रेड-1 के पद का प्रभार दिया गया है। इसी तरह एक सहायक कुलसचिव को उप कुलसचिव के पद पर बिना नियम के प्रमोशन दिया गया है।
आरक्षण रोस्टर गड़बड़ी मामले में कुलपति ने माना कि आरक्षण रोस्टर में गड़बड़ी बड़ा मामला लेकिन फिर भी कर लिए भर्ती प्रक्रिया पूर्ण,

00 कुलपति ने जांच कराने का दिया आश्वासन
एनएसयूआई छात्रों ने आरोप लगाया कि मुंबई की एक निजी कंपनी को बिना टेंडर 50 लाख रुपये अग्रिम दिए गए, फिर उसी कार्य के लिए भोपाल की एमआईसीएस कंपनी को पत्र के माध्यम से करोड़ों का भुगतान किया गया, जबकि इस पर पहले से ऑडिट आपत्ति है।
साथ ही, जिन भर्तियों पर न्यायालय में मामला लंबित है, उनमें भी नियुक्तियां कर दी गईं। कुलपति ने न्यायालय के निर्णय के अनुसार भर्ती रद्द करने की बात कही।छात्रों ने यह भी बताया कि बीते चार वर्षों से कुछ अधिकारियों-कर्मचारियों को वार्षिक बजट के नाम पर बिना आदेश के अतिरिक्त मानदेय दिया गया, जिस पर जांच और कार्रवाई की मांग की गई।

00 स्थायी कुलसचिव के लिए शासन को पत्र लिखने की मांग
एनएसयूआई ने स्थायी कुलसचिव की नियुक्ति को लेकर शासन को पत्र लिखने का आग्रह किया। रंजेश सिंह ने कुलपति पर निजी प्रचार में विश्वविद्यालय के धन के दुरुपयोग का आरोप लगाते हुए कहा कि ‘ज्ञान पथ’ में स्वतंत्रता सेनानियों और महान विचारकों के स्थान पर कुलपति के विचार व फोटो युक्त कैलेंडर लगाए गए, जो अनुचित है। उन्होंने शासन निर्देशों के बावजूद निजी फर्म से पोस्टर-बैनर छपवाने को नियमविरुद्ध बताया। सभी मुद्दों पर दस्तावेज सौंपते हुए तत्काल जांच और दोषियों पर कार्रवाई की मांग की गई।ज्ञापन सौंपने वालों में रंजेश सिंह, पुष्पराज साहू, प्रदीप सिंह, करण यादव, सुमित ठाकुर व मीत सोनवानी शामिल रहे।

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